सन् 1947 का वो साल, जब भारत का विभाजन हुआ, एक ऐसा घाव था जिसने लाखों लोगों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया। हिन्दू, मुसलमान, सिख – सब अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे, अपनी जड़ों, अपने घरों से दूर। इस भागदौड़ में, कई कहानियाँ गढ़ी गईं, कई किस्से सुनाए गए, जिनमें से एक है पाकिस्तान की भूतिया ट्रेन की कहानी, जो आज भी लोगों के दिलों में डर भरती है।
कहा जाता है कि एक रात, सिंध प्रांत की एक ट्रेन, जो सैकड़ों शरणार्थियों से भरी थी, अचानक गायब हो गई। इस ट्रेन में बच्चे, बूढ़े, औरतें, सभी मौजूद थे, जो अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे। ट्रेन के गायब होने के बाद, कई लोगों ने रात के अंधेरे में ट्रेन की आवाज़ सुनी, उसकी पटरियों पर चलने की आवाज़, पर वो ट्रेन कभी दिखाई नहीं दी।
कुछ लोग कहते हैं कि यह ट्रेन विभाजन के दौरान मारे गए लोगों की आत्माओं से भरी हुई है, जो अपने अपनों को ढूंढ रही हैं। इन आत्माओं का रोना, उनकी चीखें, रात के सन्नाटे में सुनने को मिलती हैं। इस ट्रेन के आसपास का इलाका भी अजीब सा है, वहाँ रात में कोई अकेला जाने से डरता है।
कई प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि उन्होंने रात के समय ट्रेन को देखा है, उसकी रोशनी को देखा है, लेकिन जब वो उसे पकड़ने के लिए भागे हैं, तो वो गायब हो गई है। कुछ लोगों ने तो ट्रेन में सवार शरणार्थियों के भूतिया स्वरूपों को भी देखा है, जो हताशा और पीड़ा से भरे हुए हैं।
एक कहानी यह भी है कि इस ट्रेन में एक बच्चा था, जो अपने माता-पिता से बिछड़ गया था। वह बच्चा अब भी इस ट्रेन में घूमता है, अपने माता-पिता को ढूंढता है। उसकी चीखें, उसका रोना, ट्रेन की आवाज़ के साथ मिलकर, एक भयानक संगीत बनाते हैं, जो रात के सन्नाटे को चीर देता है।
पाकिस्तान की भूतिया ट्रेन की कहानी सिर्फ़ एक भूतिया कहानी नहीं है, बल्कि वो विभाजन के दौरान हुई त्रासदी का प्रतीक है। यह उन लाखों लोगों की याद दिलाती है, जो अपने घर-बार से बेदखल हो गए थे, जो अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे, और जो कभी अपने अपनों को नहीं ढूंढ पाए। यह एक ऐसी कहानी है जो सदियों से लोगों के दिलों में डर और त्रासदी की यादें ताज़ा करती रहेगी।
इस भूतिया ट्रेन की कहानी कई पीढ़ियों से जुड़ी हुई है, हर पीढ़ी ने इस कहानी को अपने तरीके से सुनाया है, अपने अनुभवों को इसमें जोड़ा है। यह एक ऐसी कहानी है जो सिर्फ़ पाकिस्तान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर के उन लोगों के दिलों को छूती है, जिन्होंने विभाजन और युद्ध की त्रासदी को देखा है, या उसके बारे में सुना है।
आज भी, पाकिस्तान के सिंध प्रांत में, लोग इस ट्रेन की कहानी सुनते हैं, उसके बारे में बात करते हैं, और रात के समय इस इलाके से दूर रहने की कोशिश करते हैं। यह एक ऐसी कहानी है जो डर और रहस्य से भरी हुई है, लेकिन साथ ही, यह हमें विभाजन के दौरान हुई त्रासदी और मानवता की पीड़ा की याद भी दिलाती है।
क्या यह सिर्फ़ एक कहानी है, या इसके पीछे कुछ और है? यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब आज भी नहीं मिल पाया है। पाकिस्तान की भूतिया ट्रेन की कहानी, एक रहस्य बनी हुई है, जो सदियों से लोगों के दिलों में डर और उत्सुकता दोनों पैदा करती है।