केरल के हरे-भरे बैकवाटर, जहाँ शांत झीलों की सुंदरता और प्राचीन कहानियों का जादू एक साथ मिलता है, वहाँ एक रहस्य छिपा है जो सदियों से सोया हुआ था। एक विशाल बरगद का पेड़, जिसकी जड़ें गहरे पानी में समा गई हैं, फुसफुसाता है, अपनी पुरानी कहानी सुनाता है। यह कहानी है एक प्राचीन श्राप की, जो अब जाग गया है, और एक भुले हुए सीरियल किलर को जीवन में वापस लाता है।
यह बरगद का पेड़, स्थानीय लोगों द्वारा 'फुसफुसाता हुआ बरगद' कहा जाता है, कई पीढ़ियों से रहस्य और भय का विषय रहा है। कहा जाता है कि यह पेड़ एक प्राचीन राजकुमार के श्राप से जुड़ा है, जिसकी हत्या एक दुष्ट जादूगर ने की थी। राजकुमार की आत्मा पेड़ में बंध गई, और उसका क्रोध एक श्राप बन गया, जो हर सौ साल में जागता है, और उस इलाके में रहने वालों पर अपना प्रकोप बरसाता है।
इस वर्ष, सौ साल पूरे हो गए हैं। एक अजीबोगरीब घटनाओं की शुरुआत हुई है। गाँव के लोग लापता हो रहे हैं, उनके शरीर कभी नहीं मिलते। एक भयानक डर गाँव में फैल गया है। पुलिस जांच कर रही है, लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिल रहा है। यह प्रतीत होता है कि एक अदृश्य शक्ति उनके प्रयासों को नाकाम कर रही है।
एक युवा पुलिस इंस्पेक्टर, अनिरुद्ध, इस मामले को सुलझाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। वह एक समझदार व्यक्ति है, लेकिन वह इस मामले की गहराई से हैरान है। वह पाता है कि गाँव के बुजुर्ग इस श्राप की बात करते हैं, और वे बताते हैं कि यह एक भुले हुए सीरियल किलर को वापस लाता है, जिसने एक सदी पहले कई लोगों की हत्या की थी।
अनिरुद्ध अपनी जांच आगे बढ़ाता है, और वह स्थानीय किंवदंतियों और प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करता है। उसे पता चलता है कि श्राप एक विशेष प्रकार की अनुष्ठानिक हत्या से जुड़ा हुआ है, जिसका इस्तेमाल राजकुमार के दुश्मन ने उसके साथ की थी। यह अनुष्ठान उस व्यक्ति को जीवित मृतक में बदल देता है, जो अपनी पिछली हत्याओं को दोहराने के लिए वापस आता है।
अनिरुद्ध को एक प्राचीन नक्शा मिलता है, जो उसे एक गुप्त मंदिर की ओर ले जाता है, जो फुसफुसाते हुए बरगद के पेड़ के पास छिपा हुआ है। वह मंदिर में पहुँचता है, जहाँ उसे प्राचीन कलाकृतियों और शापित अनुष्ठानों के साक्ष्य मिलते हैं। वह समझता है कि सीरियल किलर का शरीर मंदिर में छिपा हुआ है।
एक डरावनी रात में, अनिरुद्ध सीरियल किलर से आमने-सामने हो जाता है। यह एक भयावह दृश्य है, क्योंकि किलर, एक जीवित मृतक की तरह, एक अलौकिक शक्ति से लैस है। अनिरुद्ध को अपनी बुद्धि और साहस का उपयोग करके इस राक्षस से लड़ना होगा।
एक रोमांचक संघर्ष के बाद, अनिरुद्ध सीरियल किलर को हरा देता है, लेकिन श्राप अभी भी बरकरार है। वह समझता है कि श्राप को पूरी तरह से खत्म करने के लिए, उसे प्राचीन अनुष्ठान को उलटना होगा। वह गाँव के बुजुर्गों की मदद से एक जटिल अनुष्ठान करता है, और अंत में, फुसफुसाते हुए बरगद के पेड़ का श्राप टूट जाता है।
लेकिन अनिरुद्ध के लिए यह सब खत्म नहीं होता है। उसने पाया है कि श्राप से जुड़े कई और रहस्य हैं, जो अभी भी अनसुलझे हैं। वह जानता है कि आगे भी चुनौतियां हैं, और उसे इन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा। फुसफुसाता हुआ बरगद का पेड़ फिर से शांत हो गया है, लेकिन उसकी कहानी हमेशा के लिए याद रहेगी।
यह कहानी केरल के बैकवाटर की रहस्यमय दुनिया की याद दिलाती है, जहाँ प्राचीन किंवदंतियों और आधुनिक जीवन का एक अनोखा मेल है। यह कहानी दर्शाती है कि कैसे अतीत वर्तमान को प्रभावित कर सकता है, और कैसे बुराई को हराने के लिए साहस और बुद्धि की आवश्यकता होती है।