प्राचीन काल से ही, जापान की भूमि अलौकिक प्राणियों और भयानक राक्षसों की कहानियों से भरपूर रही है। इन राक्षसों, जिन्हें योकाई के नाम से जाना जाता है, ने पीढ़ियों से जापानी संस्कृति और लोककथाओं को आकार दिया है। ये राक्षस न केवल भयावह हैं, बल्कि वे मानवीय कमजोरियों, प्रकृति की शक्तियों और सामाजिक आशंकाओं को भी दर्शाते हैं। आज, हम जापान के पाँच सबसे भयानक राक्षसों की एक रूह कंपाने वाली यात्रा पर निकलेंगे, उनकी कहानियों को जानेंगे और उनके भयावह रूपों का अनुभव करेंगे।
1. ओनि (Oni): जापानी लोककथाओं के सबसे प्रसिद्ध राक्षसों में से एक, ओनि, विशाल, राक्षसी प्राणी हैं जो अक्सर क्रूरता, क्रोध और अत्याचार के साथ जुड़े होते हैं। उनके पास मानव जैसी शारीरिक बनावट होती है, लेकिन वे बड़े, मजबूत और भयावह होते हैं। उनका रंग लाल, नीला या हरा हो सकता है, और उनके पास लंबे, नुकीले दांत, भयावह आँखें और सींग होते हैं। वे अक्सर क्लब या तलवारों से लैस होते हैं और उनके पास अलौकिक शक्तियां होती हैं। ओनि अक्सर पहाड़ों में या जंगलों में रहते हैं और लोगों को भयभीत करते हैं, बच्चों का अपहरण करते हैं या गांवों पर हमला करते हैं।
2. युकी-ओन्ना (Yuki-Onna): बर्फ की देवी के रूप में जानी जाने वाली, युकी-ओन्ना एक मनमोहक और घातक राक्षस है जो जापानी हिमालयी क्षेत्रों में दिखाई देती है। वह एक सुंदर, युवा महिला के रूप में दिखाई देती है, जो अपने अलौकिक सौंदर्य से लोगों को मोहित करती है। लेकिन उसके पीछे एक घातक गुप्त है। युकी-ओन्ना की श्वास बर्फीली होती है, और वह अपने शिकार को जमकर मार डालती है। वह अक्सर रात में यात्रा करने वालों को रास्ते से भटकाती है और उन्हें अपनी बर्फीली गोद में ले जाती है। उसकी कहानियां मानव जीवन की नाज़ुकता और प्रकृति की प्रबल शक्ति को दर्शाती हैं।
3. कप्पा (Kappa): जापानी लोककथाओं में एक और रोमांचक प्राणी है, कप्पा, जो पानी में रहने वाला राक्षस है। कप्पा मनुष्यों की तरह दिखते हैं लेकिन वे छोटे होते हैं और हरे रंग की त्वचा, कछुए के खोल जैसी पीठ और बत्तख के पैर होते हैं। उनके सिर पर एक कटोरा होता है जिसमें पानी भरा होता है, और यदि यह पानी बाहर निकल जाता है, तो कप्पा कमजोर हो जाता है। कप्पा अक्सर नदियों, झीलों और तालाबों में पाए जाते हैं, और वे लोगों पर हमला करते हैं, उन्हें डुबोते हैं या उनका खून पीते हैं। उनकी कहानियां प्रकृति के प्रति सम्मान और उससे सावधानी बरतने की आवश्यकता को दर्शाती हैं।
4. तेंगु (Tengu): जापानी पहाड़ी इलाकों में रहने वाले, तेंगु पौराणिक प्राणी हैं जिनका रूप परिवर्तनशील होता है। कभी-कभी वे लंबे, पतले आदमी के रूप में प्रकट होते हैं, कभी-कभी विशाल पक्षी के रूप में। उनके पास लंबी नाक, गर्म स्वभाव और अलौकिक शक्तियां होती हैं। तेंगु को बुद्धिमान और शक्तिशाली माना जाता है, लेकिन वे कभी-कभी क्रूर और मकर भी होते हैं। वे अक्सर तपस्वियों या यात्रियों को परेशान करते हैं, या तो उन्हें परीक्षा में डालते हैं या उनकी मदद करते हैं। तेंगु की कहानियां मानवीय महत्वाकांक्षाओं और आध्यात्मिक खोज की जटिलताओं को दर्शाती हैं।
5. गाशाडोकुरो (Gashadokuro): जापान के सबसे डरावने राक्षसों में से एक है, गाशाडोकुरो, एक विशाल कंकाल राक्षस है जो युद्ध या महामारी के बाद मृतकों की हड्डियों से बनता है। यह एक विशाल, भयानक कंकाल होता है, जो कई मीटर ऊँचा होता है, और यह रात में लोगों का शिकार करता है। गाशाडोकुरो का प्रकट होना अक्सर एक अशुभ संकेत माना जाता है। इसकी कहानियाँ युद्धों की भयावहता और अमानवीयता पर प्रकाश डालती हैं।
जापान की ये पौराणिक कहानियाँ, इन राक्षसों की छवि से ही कंपकंपी पैदा करती हैं। ये राक्षस न केवल भयावह हैं बल्कि समाज की विभिन्न मान्यताओं, डर और चुनौतियों को भी दर्शाते हैं। ये कहानियां हमें सदियों पुरानी जापानी संस्कृति के एक रहस्यमय पहलू से परिचित कराती हैं।