जयपुर की धूल भरी गलियों और शानदार महलों के बीच, एक प्राचीन रहस्य छुपा हुआ है, एक ऐसा रहस्य जो सदियों से सोया हुआ था, अब जाग उठा है। यह कहानी है राजपूत रानी के शापित वारिस की, एक ऐसे वस्तु की जो पीढ़ियों से एक परिवार में चली आ रही है और अब उसे विनाश की ओर ले जा रही है।
यह सब शुरू हुआ एक प्राचीन हार से, मोतियों और हीरों से जड़ा हुआ, एक राजपूत रानी की यादगार। कहा जाता है कि इस हार में एक प्राचीन शाप समाया हुआ है, एक ऐसी शक्ति जो रानी की आत्मा को बांधे हुए है। सदियों पहले, रानी की निर्मम हत्या के बाद, उसकी आत्मा इस हार में कैद हो गई, बदला लेने के लिए इंतजार कर रही।
आज, यह हार शर्मा परिवार के पास है, एक समृद्ध लेकिन परेशान परिवार जो जयपुर में रहता है। परिवार की मुखिया, अंजलि शर्मा, एक आधुनिक और प्रगतिशील महिला है, लेकिन उसे अपने परिवार के अतीत के भूतिया रहस्यों से अनजान नहीं है। हार को परिवार की सबसे बड़ी महिला सदस्य को पीढ़ी दर पीढ़ी सौंपा जाता है, एक प्रथा जो अब अंजलि पर बोझ बन गई है।
हार के साथ ही अजीब घटनाएँ शुरू हो गईं। रात के अंधेरे में अजीब आवाज़ें, सदियों पुरानी रानी की छाया का दिखाई देना, और परिवार के सदस्यों पर अचानक बीमारियों का हमला। डर और भय का माहौल घर में फैल गया। अंजलि को लगता है कि कुछ गलत है, कुछ ऐसा जो उसके परिवार के भविष्य को खतरे में डाल रहा है।
अपने परिवार को बचाने के लिए, अंजलि एक प्राचीन इतिहासकार, डॉक्टर विजय सिंह से मिलती है। डॉक्टर सिंह, अपने शोध में राजपूत इतिहास के विशेषज्ञ, अंजलि को हार के रहस्य के बारे में बताते हैं। वह उसे बताते हैं कि कैसे रानी की हत्या एक राजनीतिक साज़िश का नतीजा थी, और कैसे उसका शाप उस हार में समा गया।
डॉक्टर सिंह और अंजलि मिलकर रानी की हत्या की गुत्थी सुलझाने का काम शुरू करते हैं। वे जयपुर के पुराने किलों और मंदिरों की खोज करते हैं, पुराने दस्तावेज़ों का अध्ययन करते हैं, और प्राचीन ग्रंथों में छिपे रहस्यों को उजागर करने की कोशिश करते हैं। उनके सामने एक पेचीदा कहानी खुलती है, भ्रष्टाचार, राजनीति, और प्रतिशोध से भरी हुई।
अपनी खोज में, वे कई खतरों का सामना करते हैं। शापित हार की शक्ति उन पर अपना प्रभाव डालती है, उनकी जान को खतरे में डालती है। लेकिन अंजलि और डॉक्टर सिंह अपने संकल्प से डगमगाते नहीं हैं। वे सत्य को उजागर करने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा देते हैं।
कहानी एक रोमांचक मोड़ लेती है जब अंजलि और डॉक्टर सिंह को पता चलता है कि रानी का शाप तभी टूट सकता है जब उसकी आत्मा को शांति मिले। इसके लिए उन्हें रानी के कत्ल के दोषियों को सजा दिलाने और उनकी कब्र पर उचित श्रद्धांजलि अर्पित करने की ज़रूरत है।
अंतिम संघर्ष एक भयानक लड़ाई है, जहाँ अंजलि और डॉक्टर सिंह रानी के क्रोधित आत्मा और उनके दुश्मनों का सामना करते हैं। एक तेज़ गति से घटनाएँ घटती हैं, जहाँ प्राचीन शाप और आधुनिक दिनों की गतिविधियाँ टकराती हैं। अंत में, अंजलि अपने साहस और बुद्धिमत्ता से शाप को तोड़ने में कामयाब हो जाती है, अपने परिवार और अपने देश के इतिहास को बचा लेती है।
यह कहानी एक ऐसा रोमांच है जो आपको अपनी सीट पर जकड़े रखेगा। राजपूत रानी का शापित वारिस एक ऐसी कहानी है जो आपको भारतीय इतिहास और पौराणिक कथाओं से जोड़ती है, एक कहानी जो आपको रूह कंपा देगी।