केरल के घने हरे-भरे बैकवाटर, जहाँ नीलगिरी की पहाड़ियाँ झीलों के शांत जल में अपना प्रतिबिम्ब डालती हैं, एक प्राचीन रहस्य छिपाए हुए हैं। एकांत में रहने वाले विद्वान, डॉक्टर अरविंदन, एक ऐसे प्राचीन ग्रंथ का पता लगाते हैं जो एक भुली हुई द्रविड़ देवी की कहानी सुनाता है, जिसका नाम था 'मौन देवी'। यह देवी, एक समय अत्यंत शक्तिशाली थी, लेकिन अपने विश्वासघातियों से क्रोधित होकर, उसने एक श्रापित ताबीज़ बनाया, जो उसके क्रोध का प्रतीक था। ग्रंथ में बताया गया था कि इस ताबीज़ के पुनः प्रकट होने पर एक भयानक घटनाक्रम शुरू होगा।
डॉक्टर अरविंदन की खोज एक विवादास्पद पुरातात्विक उत्खनन के साथ जुड़ती है, जो एक प्राचीन मंदिर के खंडहरों में की जा रही थी। उत्खनन के दौरान, एक छोटा, काँसे का ताबीज़ मिला, जिस पर अजीबोगरीब चिन्ह उकेरे हुए थे। डॉक्टर अरविंदन ने ताबीज़ को पहचान लिया – मौन देवी का श्रापित ताबीज़। ग्रंथ के अनुसार, ताबीज़ में देवी का क्रोध बंद था, और यह उसके जागने का संकेत था।
उस दिन के बाद से, केरल के बैकवाटर में एक के बाद एक अजीबोगरीब हत्याएँ होने लगती हैं। शवों पर प्राचीन अनुष्ठानिक चिन्ह पाए जाते हैं, जो मौन देवी की पूजा से जुड़े हुए लगते हैं। प्रत्येक हत्या एक कठोर और व्यवस्थित तरीके से की गई है। पुलिस उलझी हुई है, और आम जनता में डर का माहौल फैल गया है।
डॉक्टर अरविंदन, अपने ज्ञान और बुद्धि का उपयोग करते हुए, इस रहस्य को सुलझाने का प्रयास करते हैं। वह प्राचीन ग्रंथों का गहन अध्ययन करते हैं, स्थानीय बुज़ुर्गों से बात करते हैं, और पुरातात्विक साक्ष्यों की जांच करते हैं। वह समझते हैं कि ताबीज़ के प्रभाव के कारण, मौन देवी की आत्मा महसूस करने लगी है, और वह अपने अपराधियों से बदला लेने के लिए इस धरती पर लौटी है।
जैसे-जैसे वह गहराई में जाता है, उसे पता चलता है कि हत्याएँ बेतरतीब नहीं हैं। प्रत्येक पीड़ित किसी न किसी तरह से उस विवादास्पद उत्खनन से जुड़ा हुआ है। यह एक ऐसी साज़िश की ओर इशारा करता है जिसमें धार्मिक कट्टरपंथी और लालची पुरातत्वविद शामिल हैं, जो मौन देवी की शक्ति का उपयोग अपने लाभ के लिए करना चाहते हैं।
डॉक्टर अरविंदन को पता चलता है कि ताबीज़ को मौन देवी के क्रोध को शांत करने के लिए एक विशेष अनुष्ठान के माध्यम से निष्क्रिय किया जा सकता है। लेकिन यह अनुष्ठान बेहद खतरनाक है, और इसमें उसे अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ेगी। वह अपने जीवन के सबसे बड़े संघर्ष के लिए तैयार हो जाता है।
अरविंदन एक दौड़ में पड़ जाता है, समय के साथ होड़ लगाता हुआ, ताबीज़ के प्रभाव को रोकने और हत्यारों को पकड़ने के लिए। हर पल खतरे से भरा हुआ है, क्योंकि मौन देवी का क्रोध बढ़ता जा रहा है। वह बैकवाटर की गहराई में, प्राचीन मंदिरों के खंडहरों और घने जंगलों में अपनी जान बचाते हुए, सच्चाई की तलाश करता है।
आखिरकार, एक भयावह टकराव होता है। अरविंदन हत्यारों का सामना करता है, और मौन देवी के श्रापित ताबीज़ को निष्क्रिय करने के लिए वह प्राचीन अनुष्ठान संपन्न करता है। लेकिन यह अनुष्ठान उतना आसान नहीं है जितना उसने सोचा था। उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और वह अपने जीवन को दांव पर लगा देता है।
कथा का अंत अरविंदन की जीत के साथ होता है, लेकिन यह जीत बहुत बड़ी कीमत पर मिलती है। उसने अपने कई साथियों को खो दिया है, और वह खुद भी गहराई से प्रभावित हुआ है। मौन देवी का श्राप शांत हो गया है, लेकिन बैकवाटर की गहराई में उसकी याद हमेशा के लिए बनी रहेगी, एक भयावह रहस्य के रूप में।
यह कहानी केरल के बैकवाटर के रहस्यमय और भयावह पहलू को उजागर करती है, जहाँ प्राचीन मिथक और आधुनिक वास्तविकता एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। यह एक ऐसी कहानी है जो आपको डराती भी है और सोचने पर भी मजबूर करती है।