चेन्नई की हलचल भरी गलियों में, जहां आधुनिकता की धूम है, वहीं एक प्राचीन रहस्य छिपा है, एक ऐसा रहस्य जो सदियों से सोया हुआ था, लेकिन अब जाग गया है। यह कहानी है एक तांजोर चित्र की, जिस पर उकेरी गई एक भूली हुई भविष्यवाणी ने एक प्रतिशोधी आत्मा को जगा दिया है।
निरीक्षक अरुण कुमार, एक सनकी और निराश व्यक्ति, इस रहस्य की जांच में जुट गया है। अरुण, जिनके दिल में cynicism का बसेरा है, इस दुनिया के चमत्कारों में विश्वास नहीं रखता, लेकिन फिर भी उसका तर्क अस्पष्ट घटनाओं के सामने टूटने लगता है। एक रात को, उसे एक अजीबोगरीब मर्डर केस मिलता है, जहां पीड़ित का शरीर अजीबोगरीब तरीके से विकृत है, उसके आसपास तांजोर पेंटिंग से मिलती-जुलती चिह्न हैं।
यह चित्र, सदियों पुराना, एक अमीर परिवार के पास से गुम हो गया था। इस चित्र में एक ऐसी भविष्यवाणी लिखी थी जिसके बारे में केवल कुछ ही जानते थे। यह भविष्यवाणी बताती है कि एक दुष्ट आत्मा, शापित राजकुमारी का प्रेत, इस चित्र के माध्यम से फिर से अवतरित होगी। यह आत्मा अपने शत्रुओं से बदला लेने के लिए उन्मादी होकर शहर में छा जाएगी।
अरुण, अपनी जांच में, चेन्नई के छिपे हुए कोनों में घुसता है, शहर के ऐतिहासिक स्थलों और धार्मिक स्थलों से गुजरता है। वह प्राचीन ग्रंथों का अध्ययन करता है, पुराने तांत्रिकों और ज्योतिषियों से मिलता है, और उन सभी से बात करता है जो इस चित्र या भविष्यवाणी के बारे में कुछ जानते हैं। हर कदम पर, वह आत्मा के बढ़ते प्रभाव को महसूस करता है – अजीब सी ठंड, हवा में गंध, और उसके आसपास होने वाली अजीब घटनाएं।
जैसे-जैसे अरुण गहराई में जाता है, उसे पता चलता है कि शापित राजकुमारी का प्रेत उसके परिवार से जुड़ा हुआ है। कई पीढ़ियों पहले, उसके पूर्वजों ने राजकुमारी को बहुत बड़ा अन्याय किया था, और अब, उसका प्रेत बदला लेने के लिए वापस आ गया है। अरुण को अब यह चुनौती मिलती है कि वह अपने परिवार के अतीत का सामना करे, और उस प्राचीन शाप को तोड़ने का रास्ता खोजे।
शहर में आतंक फैलता जा रहा है। अजीबोगरीब हत्याएं होती हैं, अन्य घटनाएं भी सामने आती हैं। अरुण, समय की कमी और बढ़ते खतरे से जूझता हुआ, अपने अतीत और वर्तमान के बीच फंसा हुआ है। वह अकेला है, इस अंधेरे जादू का सामना करने के लिए।
अपनी जांच के दौरान, अरुण एक गुप्त समाज के बारे में जानता है जो सदियों से इस शापित चित्र और उससे जुड़ी आत्मा के रहस्य की रक्षा कर रहा है। यह समाज, अपने प्राचीन रीति-रिवाजों और ज्ञान के माध्यम से, अरुण को उस शाप को तोड़ने का एक रास्ता दिखा सकता है। लेकिन यह रास्ता खतरनाक है, और अरुण को अपनी जान जोखिम में डालनी होगी।
अंततः, अरुण शहर की ऊँची-ऊँची इमारतों और पुरानी गलियों के बीच एक महाकाव्य संघर्ष में प्रेत से आमना-सामना करता है। यह एक ऐसी लड़ाई है जो उसकी हिम्मत, साथ ही उसके परिवार के अतीत और उसकी विरासत का परीक्षण करेगी। यह केवल अपनी समझदारी और साहस के बल पर ही अरुण इस प्राचीन शाप को तोड़ सकता है और चेन्नई की गलियों को फिर से सुरक्षित बना सकता है।
कहानी का अंत एक उम्मीद और सस्पेंस से भरा है। क्या अरुण इस शाप को तोड़ पाएगा? क्या वह उस शापित आत्मा को शांत कर पाएगा? या क्या चेन्नई हमेशा के लिए इस प्राचीन बुराई की छाया में रह जाएगा? यह सब कहानी के अंतिम पन्नों में ही पता चलेगा।