तांत्रिक का पागलपन: जब वशीकरण ने बुलाया भूतों का राजा

तांत्रिक का पागलपन: जब वशीकरण ने बुलाया भूतों का राजा

एक ठंडी रात थी, हिमालय की ऊँची चोटियों पर बर्फ की परत चमक रही थी। हवा में एक अजीब सी सन्नाटा छाया हुआ था, जैसे प्रकृति खुद ही किसी भयावह घटना का इंतज़ार कर रही हो। एक छोटी सी गुफा के अंदर, एक तांत्रिक, कालू बाबा, अपने भयानक अनुष्ठान में लगा हुआ था। उसके चेहरे पर एक अजीब सा उत्साह और डर दोनों साफ झलक रहे थे। उसने वर्षों तक वशीकरण की कला में महारत हासिल की थी, लेकिन आज वह कुछ ऐसा करने जा रहा था, जिससे उसे खुद भी डर लग रहा था।

कालू बाबा ने एक विशाल भूत, एक ऐसा भूत जिसके बारे में कहा जाता था कि वह हिमालय के सभी भूतों का राजा है, को वश में करने की ठान ली थी। यह कोई साधारण भूत नहीं था, यह एक ऐसा भूत था जिसके बारे में कहा जाता था कि वह अपने शिकार को पागल कर देता है, उनकी आत्मा को चूर-चूर कर देता है। कालू बाबा, अपनी गर्व और अहंकार में चूर, इस भूत पर अपना वशीकरण करने का साहस कर रहा था।

उसने प्राचीन मंत्रों का जाप शुरू किया, उसके हाथों में जड़ी-बूटियों से बनी हुई धुँधली दीपक जल रहे थे। गुफा के अंदर एक भयानक माहौल बन गया था, हवा में एक अजीब सी बदबू फैल रही थी। अचानक, गुफा के अंदर एक ठंडी हवा चली, और कालू बाबा को एक अदृश्य शक्ति का एहसास हुआ।

भूत प्रकट हुआ, नहीं एक रूप में, बल्कि एक अदृश्य शक्ति के रूप में, जिसने कालू बाबा को अपने आगोश में ले लिया। कालू बाबा चिल्लाया, उसके शरीर में एक अजीब सी कंपकंपी शुरू हो गई। उसने अपने मंत्रों का जाप जारी रखने की कोशिश की, लेकिन वह अब बेबस था।

भूत की शक्ति बेहद प्रबल थी, कालू बाबा उसके सामने एक बालक सा लग रहा था। भूत ने कालू बाबा के मन में डर और संशय भर दिया। उसके दिमाग में अजीब-अजीब खयाल आने लगे। उसकी आँखों में डर और पागलपन साफ़ दिखाई देने लगा।

जब भूत अपना प्रभाव दिखाना बंद करता है, तो कालू बाबा गुफा में गिरा हुआ मिला। वह अब पागल हो चुका था। उसके आँखों में डर और संशय साफ़ झलक रहा था। वह अपने कर्मों का परिणाम भोग रहा था।

कालू बाबा की कहानी एक चेतावनी है, एक चेतावनी कि प्रकृति और अलौकिक शक्तियों के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। वशीकरण जैसी कला एक खतरनाक हथियार है, जिसका गलत इस्तेमाल घातक सिद्ध हो सकता है। कालू बाबा अपनी गर्व और अहंकार का शिकार हुआ, और उसका अंत भयानक रहा।

हिमालय की ठंडी हवा अभी भी उस गुफा में चलती रहती है, जहाँ कालू बाबा अपने पागलपन की मौत मरा। वहाँ अभी भी उसकी आत्मा भटकती है, एक चेतावनी देती रहती है, कि प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना कभी भी ठीक नहीं।

कालू बाबा की कहानी सदियों से हिमालय के आसपास सुनाई जाती है, एक डरावनी कहानी जो लोगों को डर और सावधानी का संदेश देती है। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि कुछ शक्तियाँ ऐसी भी होती हैं, जिनसे टकराना हमें महंगा पड़ सकता है।


Tags: Tantrik Vashikaran Bhoot Horror Indian Folklore Psychological Horror Supernatural

Related Articles